तोक्यो भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने शनिवार को इतिहास रच दिया। वह पैरालिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला बन गईं। उन्होंने चीन की मिआओ झैंग को 3-2 से हराया। 34 वर्षीय इस खिलाड़ी ने पटेल को दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी को सेमीफाइनल में 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से 34 मिनट चले मुकाबले में हराया। शनिवार को हुए इस मुकाबले में उन्होंने कमाल का खेल दिखाया। फाइनल में उन्होंने मुकाबला दुनिया की पहले नंबर की वरीयता वाली यिंग झू से रविवार को होगा। यह भाविना पटेल का पहला पैरालिंपिक है। पटेल पहला गेम करीबी मुकाबले में हारीं। लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की और अगले दो गेम अपने नाम किए। हालांकि झैंग ने वापसी की। और अपनी क्लास दिखाई। अब मुकाबला आखिरी गेम में पहुंचा। यहां पटेल ने टाइम आउट लिया और इसके बाद उन्होंने जीत हासिल की। शुक्रवार को हुए क्वॉर्टर फाइनल में उन्होंने 2016 के रियो ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट और दुनिया की नंबर दो खिलाड़ी सर्बिया की पैरिक रानाकोविक को हराया था। सेमीफाइनल में पहुंचते ही उन्होंने मेडल सुनिश्चित किया था। भाविना ने 19 मिनट तक चले क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में रांकोविच को 11-5,11-6, 11-7 से हराया। भाविना पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं जिन्होंने पैरालिंपिक खेलों के सेमीफाइनल में जगह बनाई। एक वक्त वर्ल्ड नंबर दो थी रैंकिंग34 वर्षीय भाविना की मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग 12 है। व्हीलचेयर पर मनोरंजन के लिए टेबल टेनिस खेलना शुरू करने वाली भाविना की वर्ल्ड रैंकिंग एक वक्त नंबर दो थी। 2011 पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतने के बाद उन्होंने यह कमाल किया था। अक्टूबर 2013 में बीजिंग एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने महिलाओं के सिंगल क्लास 4 इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था।
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