पीटीआई, नई दिल्ली वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट तीरंदाज को शनिवार को भारतीय खेल प्राधिकरण () के रोहतक केंद्र में लगे जूनियर नैशनल कैंप से बाहर कर दिया गया, क्योंकि पाया गया कि वह अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ही कैंप छोड़कर घर चली गई थीं। इस तीरंदाज ने एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल भी जीता था। वह 21 से 24 जुलाई तक कैंप से अनुपस्थित रही थीं। वहीं, इसी कैंप के एक तीरंदाजी कोच को भी कैंप छोड़ने के लिए कहा गया क्योंकि वह भी अधिकारियों को जानकारी दिए बिना इन्हीं तारीखों को अनुपस्थित थे। साई ने मांगी थी रिपोर्ट साई ने इस घटना के सिलसिले में कैंप में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद फैसला किया गया कि ऐथलीट और कोच को अनुशासनात्मक कदम के तहत कैंप से बाहर कर दिया जाए। साइ ने ऐथलीट और कोच को भेजे गए पत्र में लिखा, ‘नैशनल कैंप में अनुशासन का ध्यान रखना सबसे अहम है और सक्षम अधिकारियों ने इसे गंभीरता से देखा जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आपका नाम मौजूदा नैशनल कैंप से तुरंत प्रभाव से हटाया जाता है।’ 2 अगस्त तक टली सुनवाई वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने दो गुटों द्वारा अलग-अलग कराए गए आर्चरी असोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई) के चुनावों से संबंधित सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए टाल दी। विश्व संस्था द्वारा निलंबन लगाने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी। राहुल मेहरा द्वारा दायर इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर और नज्मी वाजिरी की स्पेशल बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख अगले शुक्रवार तक मुकर्रर की। वर्ल्ड आर्चरी से जवाब का इंतजार है जिसने एएआई की सदस्यता खत्म कर दी थी और निलंबित करने की धमकी दी थी।
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