नई दिल्ली आज ही के दिन के क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडर कहे जाने वाले सर गारफील्ड (गैरी) का 83वां जन्मदिन है। आज ही के दिन 1936 को कैरेबियाई द्वीप बारबेडोस में उनका जन्म हुआ था। सोबर्स विजडन के पांच क्रिकेटर्स ऑफ द सेंचुरी में शामिल हैं। सिर्फ 21 साल की उम्र में सोबर्स ने क्रिकेट की दुनिया में अपने दस्तखत कर दिए। सोबर्स को सर ने 'दुनिया का सर्वकालिक महानतम क्रिकेटर' करार दिया था। 1954 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने वाले सोबर्स ने चार साल बाद अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी लगाई। उनकी पहली टेस्ट सेंचुरी ही 365 रनों की थी। 1957-58 में किंग्सटन के मैदान पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ यह तिहरा शतक लगाया। 36 साल तक यह टेस्ट क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर रहा। इस रेकॉर्ड को ब्रायन लारा ने 375 रन बनाकर तोड़ा। फिर मैथ्यू हेडन ने 380 रन बनाए और फिर लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 400 रनों की पारी खेलकर यह रेकॉर्ड बनाकर फिर अपने नाम किया। 1966 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने दम पर टेस्ट सीरीज में जीत दिलाई। इस सीरीज में उन्होंने तीन सेंचुरी लगाईं। तीनों सेंचुरी का स्कोर 160 रन से ज्यादा था। इसके अलावा उन्होंने 94 रनों की पारी खेली थी। इसके साथ ही इस सीरीज में उन्होंने 20 विकेट भी लिए थे। बाएं हाथ के गेंदबाज सोबर्स परिस्थिति के अनुसार स्पिन और मध्यम तेज गति, दोनों प्रकार की गेंदबाजी कर सकते थे। सोबर्स ने इंग्लिश काउंटी नॉटिंगमशर के लिए काफी क्रिकेट खेला। वह साल 1968 था जब ग्लैमगन के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 31 अगस्त को उन्होंने इतिहास रच दिया। वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। बाएं हाथ के स्पिनर मैकलम नैश वह गेंदबाज थे जो इस पूरी प्रक्रिया में रेकॉर्ड बुक में दर्ज हो गए। घुटने में तकलीफ के चलते सोबर्स ने 1974 में क्रिकेट से संन्यास लिया। उनके नाम 57.78 के बल्लेबाजी औसत से 8032 रन और 235 विकेट लिए। कुछ समय बाद ही उन्हें नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।
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