Skip to main content

Tokyo Olympics 2021: गले में सोने का मेडल और आंखों में पिता के लिए आंसू, टॉम डेली की यह तस्‍वीर काफी कुछ कहती है

तोक्‍यो ओलिंपिक 2021 से आई यह तस्‍वीर बेहद खास है। टॉम डेली के आंसुओं में एक पूरी कहानी छिपी हुई है। एक ऐसा गे एथलीट जिसे अपनी पहचान के लिए दुनिया से लड़ना पड़ा। पोडियम पर 27 साल का जो टॉम खड़ा था, वो सालों की मुश्किलों को मात देकर यहां तक पहुंचा है। ग्‍लोबल स्‍पोर्ट्स के सबसे बड़े मंच पर मेडल जीतकर वो अपने पिता के लिए आंसू बहाता है, इसलिए कि सिर्फ 17 साल की उम्र में कैंसर के चलते उन्‍हें खो चुका है। इन आंसुओं में स्‍कूल के उन दिनों की यादें छिपी हुई हैं जब टॉम को बुली किया जाता था। आज टॉम सोने का चमचमाता मेडल गले में पहनकर यूं नहीं नहीं टॉम की आंखों में आंसू हैं।

Tom Daly In Tokyo Olympics 2021: 27 साल के ब्रिटिश डाइवर टॉम डेली का ओलिंपिक गोल्‍ड तक सफर जरा भी आसान नहीं रहा। उन्‍होंने बतौर खिलाड़ी तो चुनौतियों का सामना किया ही है, समाज से भी एक लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं।


Tokyo Olympics 2021: गले में सोने का मेडल और आंखों में पिता के लिए आंसू, टॉम डेली की यह तस्‍वीर काफी कुछ कहती है

तोक्‍यो ओलिंपिक 2021 से आई यह तस्‍वीर बेहद खास है। टॉम डेली के आंसुओं में एक पूरी कहानी छिपी हुई है। एक ऐसा गे एथलीट जिसे अपनी पहचान के लिए दुनिया से लड़ना पड़ा। पोडियम पर 27 साल का जो टॉम खड़ा था, वो सालों की मुश्किलों को मात देकर यहां तक पहुंचा है। ग्‍लोबल स्‍पोर्ट्स के सबसे बड़े मंच पर मेडल जीतकर वो अपने पिता के लिए आंसू बहाता है, इसलिए कि सिर्फ 17 साल की उम्र में कैंसर के चलते उन्‍हें खो चुका है। इन आंसुओं में स्‍कूल के उन दिनों की यादें छिपी हुई हैं जब टॉम को बुली किया जाता था। आज टॉम सोने का चमचमाता मेडल गले में पहनकर यूं नहीं नहीं टॉम की आंखों में आंसू हैं।



बचपन में उड़ना पसंद था, आज आसमान छू लिया
बचपन में उड़ना पसंद था, आज आसमान छू लिया

टॉम डेली जब 7 साल के थे तो गोते लगाना नहीं चाहते थे, उनके मन में उड़ने का अरमान था। जिस एकेडमी में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई, वहां के शुरुआती दिन टॉम के लिए आंसुओं में गुजरे। कोच ने परेशानी समझी और कहा कि डाइविंग को आसमान में उड़ने की तरह ही समझो और उड़ो... ठीक पीटर पैन के बच्‍चे की तरह। डेली ने उड़ना शुरू कर दिया। 9 साल की उम्र में टॉम ने एक तस्‍वीर बनाई थी जिसमें एक लड़का हैंडस्‍टैंड कर रहा है, पीछे लंदन 2012 लिखा था और ओलिंपिक रिंग्‍स बने हुए थे। टॉम ने अपनी सूरत उभार दी थी। वह अपने हर कॉम्प्‍टीशन में एक सॉफ्ट टॉय लेकर जाते हैं, जिसे वह लकी चार्म समझते हैं।



हर बड़े इवेंट में हौसला बढ़ाने को रहते थे पिता
हर बड़े इवेंट में हौसला बढ़ाने को रहते थे पिता

13 साल का होते-होते टॉम का कमरा मेडल्‍स से भरने लगा था। 15 साल की उम्र में टॉम ब्रिटिश और यूरोप में डाइविंग के चैम्पियन बन चुके थे। उस वक्‍त तक टॉम के पिता साथ थे। यही वो दौर था जब टॉम के पिता रॉब को ब्रेन में ट्यूमर का पता चला। ये 2012 ओलिंपिक के पहले की बात है। 16वें जन्‍मदिन तक पिता की कीमोथिरैपी शुरू हो चुकी थी, डॉक्‍टर्स ने फ्लाइट लेने से मना किया था। मगर पिता के दिल को कौन समझाए। वह बुडापेस्‍ट में होने वाली यूरोपियन चैम्पियनशिप के लिए बेटे के साथ गए। कुछ ही दिन बाद डेली कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में हिस्‍सा लेने भारत आए मगर इस बार रॉब साथ नहीं थे। साल भर बाद रॉब ने दुनिया को अलविदा कह दिया।



जिंदगी में आए एक शख्‍स ने टॉम को दी नई हिम्‍मत
जिंदगी में आए एक शख्‍स ने टॉम को दी नई हिम्‍मत

18 साल की उम्र में लंदन ओलिंपिंक में शिरकत करने वाले टॉम का अनुभव इतना खराब रहा कि उन्‍होंने खेल से तौबा करने का मन बना लिया था। वह समलैंगिक थे और समाज को यह रास नहीं आ रहा था। टॉम को फिकरों का सामना करना पड़ा। सितंबर 2019, तब सिर्फ 19 साल के रहे टॉम ने कहा था, "मुझे यह मजेदार लगता है जब लोग कहते हैं कि मैं गे हूं। मैं नहीं हूं। अगर मैं होता तो भी शर्मिंदा नहीं होता।" तीन महीने बादा उनकी मुलाकात उम्र में 20 साल बड़े डस्टिन लांस ब्‍लैक से हुई। टॉम कहते हैं कि ब्‍लैक से मुलाकात के बाद उनकी दुनिया ही बदल गई। 23 साल की उम्र में टॉम ने अपने बच्‍चे रॉबर्ट रे के जन्‍म की घोषणा की। बच्‍चे का नाम अपने पिता के नाम पर रखा। अब कहानी पलटनी शुरू हो चुकी थी।



पूरी दुनिया से कह दिया, हां मैं गे हूं
पूरी दुनिया से कह दिया, हां मैं गे हूं

तोक्‍यो ओलिंपिक में कम से कम 168 LGBTQ एथलीट्स हिस्‍सा ले रहे हैं, टॉम उनमें से एक हैं। वे कहते हैं, "मुझे बड़ा गर्व हो रहा है जब मैं कहता हूं कि मैं समलैंगिक हूं और ओलिंपिक चैम्पियन भी। जब मैं छोटा था तो मैंने नहीं सोचा था कि जो मैं हूं, उसकी वजह से कुछ भी हासिल कर पाऊंगा.... मैं अपने पिता और बेटे से मिलने के लिए बेकरार हूं... उन्‍हें कसकर गले लगाना चाहता हूं।"





https://ift.tt/3BFU32t

Comments

Related Posts

ILT20: Erasmus, Hetmyer star in Gulf Giants' first win

The Gulf Giants secured their first victory of ILT20 Season 3 by defeating the Dubai Capitals by six wickets, thanks to a crucial 80-run partnership between Gerhard Erasmus and Shimron Hetmyer. Despite a challenging start, the Giants successfully chased down the target of 166 in 18.1 overs. from Sports News: Latest Cricket News, Live Match Scores & Sports News Headlines, Results & more https://ift.tt/0cQRAxj

RCB की बॉलिंग का बनाया मजाक, एक-एक को कूटा, कौन हैं दिल्ली को एकतरफा जीत दिलाने वाले फिल साल्ट?

DC vs RCB: दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज फिल साल्ट ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजों को जमकर कूटा। मोहम्मद सिराज से लेकर वानिंदु हसरंगा तक उन्होंने किसी पर रहम नहीं किया। उनकी इस पारी की मदद से आरसीबी के खिलाफ दिल्ली ने 182 रनों का लक्ष्य 20 गेंद रहते हासिल कर लिया। https://ift.tt/c7b25g6

दिल्ली कैपिटल्स की बुरी हालत का जिम्मेदार कौन? किसकी वजह से लगातार 5 मैच हार गई टीम

IPL 2023: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में दिल्ली कैपिटल्स के हार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। टीम को अपने पांचवें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 23 रन से हार मिली है। इस तरह दिल्ली को लीग में हार का पंच लग गया है। ऐसे में टीम के इस निराश करने वाले प्रदर्शन का जिम्मेदार किसे ठहराया जाए। https://ift.tt/RBMqfkC

नीरज चोपड़ा ने दोहा में दिखाया जलवा, वर्ल्ड चैंपियन को हराकर जीती डायमंड लीग

Doha Diamond League: ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर कमाल करके दिखाया है। उन्होंने दोहा में हो रही डायमंड लीग जीत ली है। https://ift.tt/BOgvVhy

आज कैसा होगा मौसम, बैट्समैन या बोलर्स, किसका पलड़ा भारी, क्या कहती है ईडन गार्डंस की पिच

Kolkata Knight Riders vs Rajasthan Royals: पिछले कुछ मैचों में अच्छे प्रदर्शन से प्लेऑफ में पहुंचने की अपनी उम्मीद जगाए कोलकाता नाइटराइडर्स की टक्कर आज राजस्थान रॉयल्स से होनी है। https://ift.tt/bvDfV0E