Skip to main content

न राष्ट्रगान, न राष्ट्रध्वज- सोना जीतने के बाद भी चीन के 'डर' से ताइवान को क्यों नहीं मिलता वह सम्मान

तोक्यो ताइवान की स्टार वेटलिफ्टर कुओ हसिंग-चुन ने मंगलवार को तोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता। वह पोडियम पर अपना मेडल लेने पहुंचीं तो नजारा जरा अलग था। न तो उनका कोई राष्ट्रध्वज था, ना कोई राष्ट्रगान बजा। वह पोडियम पर तो थीं लेकिन उनका कोई ध्वज ऊपर नहीं जा रहा था। इतना ही नहीं ताइवान खुद को इन खेलों में 'ताइवान' कह भी नहीं सकता। यह ताइवान के कई नागरिकों के लिए एक बेहद परेशान करने वाली बात है। आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी- ताइवान को ओलिंपिक्स में काफी समय से एक होस्ट नेम दिया गया है। इसकी वजह उसका 'खास' अंतरराष्ट्रीय स्टेटस है। वह एक लोकतंत्र है, जिसकी आबाद करीब 2.3 करोड़ है। उसकी अपनी मुद्रा है और सरकार है। लेकिन बावजूद इसके ताइवान का स्टेटस विवादों में है। चीन की कम्यूनिस्ट सरकार का ताइवान पर कभी नियंत्रण नहीं रहा। लेकिन इसके बावजूद वह इस देश को 'वन चाइना' के तहत अपना हिस्सा मानता है। वह ताइपे को दुनिया के मंच पर अकेला करना चाहता है और ताइवान शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताता है। 1981 में चीनी ताइपे नाम तय किया गया। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमिटी (IOC) ने यह नाम तय किया। इसमें ताइवान के ऐथलीट खेलों में भाग तो ले सकते हैं लेकिन खुद को एक संप्रभुता संपन्न देश का हिस्सा नहीं बता सकते। अपने लाल और सफेद राष्ट्रध्वज के स्थान पर ताइवान के ऐथलीट सफेद झंडे, जिस पर ओलिंपिक रिंग्स बनी होती हैं, के नीचे ओलिंपिक का हिस्सा बनते हैं। ऐथलीट जब पोडियम पर होते हैं, तो ताइवान का राष्ट्रध्वज नहीं फहराया जाता और न ही उसका राष्ट्रगान गाया जाता है। आलोचकों का कहना है कि यह नाम अपमानजनक है। यहां तक कि अन्य विवादास्पद या कम-मान्यता प्राप्त देशों जैसे फिलीस्तीन, को ओलिंपिक में अपना नाम और ध्वज इस्तेमाल करने की इजाजत मिलती है। 1952 के ओलिंपिक में ताइवान और चीन दोनों को न्योता भेजा गया था। दोनों सरकारों ने खुद के चीन का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया था। लेकिन अंत में ताइवान ने हटने का फैसला किया। चार साल बाद ताइवान ने ओलिंपिक में 'फोरमोसा-चाइना' नाम से भाग लिया। 16वीं सदी में पुर्तगाल के नाविकों ने ताइवान को फोरमोसा नाम दिया था, जिसका अर्थ होता है सुंदर। बीजिंग ने उन खेलों का बहिष्कार किया और दो साल बाद आईओसी भी छोड़ दिया। 1960 के खेलों में ताइवान ने IOC की अनुमति से ताइवान नाम से ही ओलिंपिक खेलों में भाग लिया। लेकिन ताइवान की तब की सरकार को इस नाम से आपत्ति थी। वह रिपब्लिक ऑफ चाइना नाम से ओलिंपिक में भाग लेना चाहते थे। इसके बाद 1960 और 1964 के खेलों में भी ताइवान ने ताइवान नाम से ही ओलिंपिक में भाग लिया। 1972 में ताइवान ने ओलिंपिक में आखिरी बार रिपब्लिक ऑफ चाइना नाम से भाग लिया। लेकिन इस नाम को 1979 में रद्द कर दिया गया। बाद में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमिटी ने बीजिंग की सरकार को चीन का आधिकारिक प्रतिनिधि माना। इसके दो साल बाद यानी 1981 में ताइवान को दोबारा ओलिंपिक खेलों में भाग लेने की इजाजत मिली लेकिन चीनी ताइपे नाम के साथ। और तब से यह ऐसा ही चला आ रहा है।


https://ift.tt/3l3WhTa

Comments

Related Posts

स्विस ओपन में सात्विक-चिराग की जोड़ी ने किया कमाल, फाइनल में मारी धमाकेदार एंट्री

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी स्विस ओपन के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। स्टार खिलाड़ियों के हार के बीच सात्विक-चिराग की जोड़ी ने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सेमीफाइनल में सात्विक-चिराग ने ओंग यू सिन और टियो ई यी की जोड़ी को हराया। https://ift.tt/o43GV2r

Rohit ‘deliberately underperforming’ under Gill? India legend fires back

India's openers struggled in their first ODI against Australia, with Rohit Sharma scoring eight and Virat Kohli a duck. Speculation arose on social media about deliberate underperformance to challenge new captain Shubman Gill. However, Sunil Gavaskar dismissed these theories, emphasizing that players wouldn't risk their careers and highlighting the benefit of experienced leaders for Gill. from Sports News: Cricket Live Scores, Latest Sports News, Football, NBA, NFL, WWE, NHL, MLB News & More https://ift.tt/sLtC1jF

FIFA WC Qualifiers: Germany crush Luxembourg; Mbappe shines for France

Germany surged back to the top of Group A with a dominant 4-0 victory over 10-man Luxembourg, thanks to a brace from captain Joshua Kimmich. France also secured a comfortable 3-0 win against Azerbaijan, with Kylian Mbappe continuing his scoring streak. Switzerland maintained their perfect record, while other European qualifiers saw mixed results, intensifying the race for World Cup spots. from Sports News: Cricket Live Scores, Latest Sports News, Football, NBA, NFL, WWE, NHL, MLB News & More https://ift.tt/DySItd2

Indian pair of Sat-Chi enters Denmark Open semifinals, Lakshya bows out

India's top men's doubles pair Satwiksairaj Rankireddy and Chirag Shetty have advanced to the Denmark Open Super 750 semifinals. They defeated an Indonesian duo in a tough three-game match. The Indian pair will now face either Chinese or Japanese opponents. In men's singles, Lakshya Sen was eliminated after losing to Alex Lanier of France in straight games. from Sports News: Cricket Live Scores, Latest Sports News, Football, NBA, NFL, WWE, NHL, MLB News & More https://ift.tt/0aiUwyA