गांगुली ने कहा कि वह फुटबॉल को गंभीरता से ले रहे थे लेकिन उनके पिता ने शरारत से दूर रखने के लिए क्रिकेट कोचिंग से जुड़ने के लिए कहा और उन्होंने तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा।
गांगुली ने कहा, 'फुटबॉल मेरी जिंदगी थी। मैं 9वीं कक्षा तक इसमें बहुत अच्छा था। एक बार गर्मी की छुट्टी के दौरान, मेरे पिता (दिवंगत चंडी गांगुली, जो बंगाल क्रिकेट संघ में थे) ने मुझसे कहा कि तुम घर जाकर कुछ नहीं करोगे और मुझे एक क्रिकेट अकैडमी में डाल दिया।’
उन्होंने कहा, 'माता-पिता और परिवार काफी अनुशासनप्रिय थे, ऐसे में मेरे लिए यह उनसे दूर रहने का अच्छा मौका था। मुझे नहीं पता कि मेरे कोच ने मुझमें क्या देखा, उन्होंने मेरे पिता से कहा कि वह मुझे फुटबॉल से दूर करे। इसलिए मैं क्रिकेट में उतर गया।’
अपने पदार्पण मैच की शतकीय पारी को उन्होंने करियर का सर्वश्रेष्ठ लम्हा बताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने दलीप ट्रोफी के पदार्पण मैच में शतक लगाया, बंगाल के लिए रणजी फाइनल में पदार्पण किया लेकिन टेस्ट डेब्यू में लॉर्ड्स में शतकीय पारी खेलना किसी सपने की तरह था।’
पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने पिछले साल यानी 2019 अक्टूबर में बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।
सौरभ गांगुली को उनके चाहने वाले और क्रिकेट जगत से जुड़ी हस्तियां प्यार से 'दादा' बुलाती हैं। वह कोलकाता से ताल्लुक रखते हैं।
https://ift.tt/3cjaAvc
Comments
Post a Comment