नई दिल्ली मौजूदा भारतीय टीम के लेग स्पिनर अपनी चार तरह की डिलिवरीज से खुश हैं। वह इन्हीं को और मारक बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। अगर उन्हें अपनी बोलिंग में कुछ और जोड़ना है तो वह है महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न का ऐटिट्यूड। चहल ने NBT से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, 'मेरे आदर्श शेन वॉर्न हैं और मुझे उनका ऐटिट्यूड बेहद पसंद है। जब वह बोलिंग करते थे तो किसी भी बैट्समैन से डरते नहीं थे। उनका कॉन्फिडेंस मुझे काफी अच्छा लगता था। किसी भी पिच पर गेंद टर्न कराने की उनकी क्षमता का भी मैं कायल हूं। मैं अपनी बोलिंग में उनकी तरह की ही निर्भीकता जोड़ना चाहता हूं।' 'जूटर' की जरूरत नहीं वॉर्न अपनी एक खास तरह की गेंद जूटर के लिए मशहूर थे। तो क्या चहल अपने आदर्श की वह गेंद अपने अस्त्रों में जोड़ना चाहते हैं? चहल कहते हैं, 'मैंने एक बार जूटर डालने की कोशिश की थी लेकिन उसमें सफल नहीं हो सका। मैं अपनी चार डिलिवरीज से ही खुश हैं और इन्हीं पर लगातार काम करता हूं। इनको और भी बेहतर बनाने की कोशिश करता हूं। गुगली, लेग ब्रेक, फ्लिपर और टॉप स्पिन पर ही मेरा सारा ध्यान होता है। मुझे फिलहाल जूटर की जरूरत नहीं।' क्या होती है जूटरजूटर पर शेन वॉर्न को महारथ हासिल थी। यह ऐसी गेंद होती है जिसमें बहुत कम या बिलकुल ही स्पिन नहीं होता। गेंदबाज (विशेषकर लेग स्पिनर) के ऐक्शन में कोई खास बदलाव नहीं नजर आता। इस गेंद के पीछे आइडिया बल्लेबाज को सिम्पलिसिटी से कन्फ्यूज करना होता है। बल्लेबाज गेंद को टर्न के लिए खेलता है और गेंद सीधी निकल जाती है। 'कुलचा' का कमाल लेफ्ट आर्म चाइनामैन कुलदीप यादव के साथ चहल की जोड़ी खूब जमती है। इस जोड़ी को 'कुलचा' नाम दे दिया गया है। चहल कहते हैं, 'हमारी बॉन्डिंग काफी अच्छी है। हमारी पार्टनरशिप तब से शुरू हुई जब हम मुंबई इंडियंस से खेलते थे। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। हमारी बाहर की दोस्ती मैदान पर भी काम आती है। हमारी सफलता की यही वजह है।' चेस खिलाड़ी के तौर पर स्पोर्ट्स करियर शुरू करने वाले चहल इस बात से इनकार करते हैं कि कुलदीप और उन्हें आए दिन इलेवन से अंदर-बाहर करने का असर प्रदर्शन पर पड़ता है। उनका मानना है कि पिच और हालात को देखकर ही इलेवन तैयार होता है और वह इसके लिए तैयार रहते हैं। टीम की सफलता का राज चहल टीम इंडिया की सफलता की वजह खिलाड़ियों के बीच की बॉन्डिंग बताते हैं। हरियाणा के 29 साल के इस बोलर ने कहा, 'मैदान पर तो हमारा खेल सब देखते हैं। मैदान के बाहर हम एक परिवार की तरह रहते हैं। नए खिलाड़ियों का भी काफी ख्याल रखा जाता है। हमारी बॉन्डिंग इतनी अच्छी है कि उसका पॉजिटिव असर प्रदर्शन पर दिखता है। हमारी टीम की यूनिटी दुनिया में शायद सबसे अच्छी है।' कैप्टन कोहली जैसा कोई नहीं आम धारणा है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली काफी गुस्से वाले हैं। लेकिन चहल की राय इस मुद्दे पर बिल्कुल अलग है। वह कहते हैं कि कैप्टन कोहली एक खिलाड़ी के तौर पर तो बेस्ट हैं ही, कप्तान और इंसान भी काफी अच्छे हैं। चहल बताते हैं, 'वह कभी नहीं दिखाते कि वह दुनिया के सबसे बेहतरीन बैट्समैन हैं। वह सारे जूनियर खिलाड़ियों के साथ काफी घुलमिल कर रहते हैं। सबके साथ मस्ती करते हैं और सहज रखने की कोशिश करते हैं।' 'चहल टीवी' जारी रहेगा इस साल बीसीसीआई की वेबसाइट पर 'चहल टीवी' के इंटरव्यू काफी चर्चा में रहे हैं। चहल बताते हैं कि उन्हें इसमें काफी मजा आता है। वह अपने फैंस को आश्वस्त करते हैं कि यह सिलसिला अगले साल भी जारी रहेगा और हो सकता है कि कुछ नए रंग-रूप में सामने आए चहल टीवी। मसल्स बनाने की कोशिश नहीं पिछले दिनों वेस्टइंडीज के कप्तान कायरन पोलार्ड के साथ चहल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हुई थी। उस तस्वीर पर कैप्टन कोहली ने चहल के मसल्स को लेकर मजाकिया लहजे में कहा था,'तुम्हारी जांघ से बड़ी तो पोलार्ड की काफ है।' दुबले-पतले चहल क्या मसल्स बनाने की तैयारी में हैं और क्या इस तरह के कमेंट्स से वह आहत होते हैं? 'बिल्कुल नहीं। मैं जैसा हूं उससे खुश हूं। मैं कमेंट्स से आहत नहीं होता,' चहल बताते हैं। उनकी एक ख्वाहिश इंटरनैशनल मैचों में सिक्स मारने की भी है। इस पर चहल कहते हैं, 'पहले तो यही चाहता हूं कि हमारे बैट्समैन ही सारे रन कर दें। लेकिन अगर मौका मिलता है तो कोशिश जरूर करूंगा।' चहल का प्रदर्शन
मैच | विकेट | सर्वश्रेष्ठ | औसत | इकॉनमी | 5w | |
ODI | 50 | 85 | 6/42 | 26.42 | 5.06 | 2 |
T20I | 36 | 52 | 6/25 | 21.90 | 8.10 | 1 |
https://ift.tt/3557Cqm
Comments
Post a Comment